मंत्र ध्यान :- इस ध्यान में व्यक्ति को अपनी आंखों को बंद करके ओउम् मंत्र का जाप करना होता है और उसी पर ध्यान लगाना होता है। क्योंकि हमारे शरीर का एक तत्व आकाश होता है तो व्यक्ति के अंदर ये मंत्र आकाश की भांति प्रसारित होता है और हमारे मन को शुद्ध करता है। जब तक हमारा मन हमें बांधे रखता है तब तक हम इस ध्वनि को बोल तो पाते हैं किन्तु सुन नहीं पाते लेकिन जब आपके अंदर से इस ध्वनि की साफ प्रतिध्वनि सुनाई देने लगती है तो समझ जाना चाहिये कि आपका मन साफ हो चुका है।