ध्यान जिसे अंग्रेजी में ‘मेडिटेशन’ शब्द से जाना जाता है। मेडिटेशन शब्द के साथ इंसान के मन में विभिन्न प्रकार के विचार हैं। सबसे पहली बात तो यह है कि मेडिटेशन शब्द का कुछ सार्थक मतलब नहीं है। अगर आप बस आंखे बंद करके बैठ जायें तो भी इसे अंग्रेजी में मेडिटेशन ही कहा जायेगा। आप अपनी आंखें बंद करके बैठे हुये बहुत से काम कर सकते हैं। जैसे जप, तप, ध्यान, धारणा, समाधि कुछ भी कर सकते हैं। तो आखिर वह चीज क्या है जिसे हम मेडिटेशन कहते हैं ? आमतौर पर हम ऐसा मान लेते हैं कि मेडिटेशन से लोगों का मतलब ध्यान होता है। यदि आप ध्यान को मेडिटेशन समझते हैं तो यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आप कर सकते हैं, जिन व्यक्तियों ने भी मेडिटेशन करने की कोशिश की है, उनमें से ज्यादातर अंत में इस परिणाम पर पहुचते हैं कि इसे करना या तो बहुत मुश्किल है या फिर असंभव और इसकी वजह यह है कि उसे आप करने की कोशिश कर रहे हैं। आप मेडिटेशन नहीं कर सकते, किन्तु आप मेडिटेटिव हो सकते हैं। मेडिटेशन एक खास तरह का गुण है, कोई काम नहीं। यदि आप अपने तन, मन और भावनाओं को परिपक्वता के एक खास स्तर पर ले जाते हैं, तो मेडिटेशन स्वाभाविक रूप से होने लगेगा।
मेडिटेशन का मतलब अपने भौतिक शरीर और मन की सीमाओं से परे जाना है। जब आप अपने शरीर और मन की सीमाओं से परे हो जाते हैं, तभी केवल आप अपने अंदर जीवन के पूर्ण आयाम को पाते हैं। जब आप खुद को शरीर के रूप में देखते हैं तो आपकी पूरी जिन्दगी बस भरण-पोषण में ही निकल जाती है। लेकिन जब आप खुद को मन के रूप में देखते हैं तो आपकी पूरी सोच सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक नजरिये से तय होती हैं। आपकी सोच एक प्रकार से आपकी गुलाम बन जाती है। फिर आप उसे देख नहीं सकते। जब आप अपने मन की चंचलता से मुक्त हो जायेगें, केवल तभी आप शरीर और दिमाग से परे के पहलुओं को जान पायेंगे।