योग सही तरह से जीने का विज्ञान है और इसलिये इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिये। ये मनुष्य के सभी पहलुओं पर काम करता है जैसे भौतिक, भावनात्मक, मानसिक, आत्मिक तथा आध्यात्मिक। आध्यात्मिक स्तर पर इससे जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। योग सबसे पहले लाभ पहुंचाता है मनुष्य के बाहरी अंग को। जिससे मनुष्य स्वस्थ्य रहता है। बाहरी अंग के बाद योग मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर काम करता है। प्रतिदिन के जिन्दगी के तनाव के परिणामस्वरूप बहुत से लोग कई मानसिक परेशानियों से पीड़ित हैं। योग इनका इलाज शायद नहीं प्रदान करता लेकिन इनसे मुकाबला करने के लिये यह सिद्ध विधि है। .